तुम रच्छक काहू को डर ना ॥२२॥ आपन तेज सह्मारो आपै । भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै॥ तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै । मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ।। Additionally, it helps https://gunnerbrhwl.blazingblog.com/34952922/what-does-hanuman-chalisa-mean