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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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“तेरी महफ़िल से जो निकला तो ये मंज़र देखा रचनाएँ खोजने के लिए नीचे दी गई बॉक्स में हिन्दी में लिखें और "खोजें" बटन पर क्लिक करें हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। “रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं Urdu language is full of so https://youtu.be/Lug0ffByUck

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